आज की जीवन शैली का तथ्य
अच्छी थी पगडंडी अपनी,
सड़कों पर तो जाम बहुत है।
फुर्र हो गयी फुरसत सबकी,
हर व्यक्ति को काम बहुत है।
नहीं चाहिए बाग-बगीचे,
दो गमलों में शान बहुत है।
नहीं लिखनी है चिट्ठी-पत्री,
व्हाट्सप का पैगाम बहुत है।
नहीं चाहिए मित्र संबंधी,
अकड, ऐंठ, एहसान बहुत हैं।
सुविधाओं का ढेर लगा है,
पर इंसां परेशान बहुत है।।
जीवन की समझ रखने वाली प्रतिभा के विचार