आत्माभिव्यक्ति

आत्माभिव्यक्ति

वीरता और चातुर्य का प्रतिबिम्ब थी रानी नायकी

डॉ. अशोक चौधरी का लेख प्रकाशित

भारतीय इतिहास में महिला शक्ति की अद्वितीय गाथाओं को उजागर करने की अपनी तमन्ना के तहत डॉ. अशोक चौधरी ने सबसे पहले महाबलिदानी पन्ना धाय पर और तत्पश्चात् रानी नायकी देवी सोलंकी पर लेख लिखा। उनके अनुसार, रानी नायकी देवी ने सन् 1178 में मोहम्मद गौरी को पराजित कर अपनी प्रजा और राज्य की रक्षा की, और उनका साहस आज भी प्रेरणा का स्रोत है।

लेख लिखते समय डॉ. चौधरी ने रानी नायकी देवी के पराक्रम, चातुर्य और दूरदर्शी नेतृत्व को भावपूर्ण शब्दों में प्रस्तुत किया। लेख के प्रकाशन पर उन्हें गहरी संतुष्टि और गर्व का अनुभव हुआ। पत्रिका के संपादक महोदय द्वारा व्यक्तिगत रूप से उन्हें पत्रिका की प्रति भेंट किए जाने के अवसर पर उपलब्ध फोटो में उनकी संतुष्टि और हर्ष स्पष्ट झलकते हैं।

डॉ. अशोक चौधरी का यह अनुभव एक संदेश है कि इतिहास की अनकही वीरांगनाओं की कहानियों को उजागर करना केवल लेखन का कार्य नहीं, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों में साहस, त्याग और नेतृत्व की प्रेरणा फैलाने का महत्वपूर्ण माध्यम है।

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डॉ अशोक चौधरी

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