स्वप्न सुंदरी

स्वप्न सुंदरी

'स्वप्न सुन्दरी' सपने में आकर एक स्वप्न सुन्दरी बोली, मुझे बना लो तुम अपने जीवन की हमजोली, जीवन भर साथ रहूँगी, नहीं करूँगी मनमानी, आप मेरे राजा हो, मुझे बना…
पत्रिका विमोचन

पत्रिका विमोचन

आज दिनाँक 29.5.25 को लोंगवुड होटल ग्रेटर नोएडा में वरिष्ठ नागरिक समाज की वार्षिक आम सभा आयोजित की गई जिस में वरिष्ठ नागरिक समाज की वार्षिक पत्रिका 'मंजूषा' का विमोचन…
नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नया साल नई उमंगता, मन में भरता नव उत्साह। बीती बातें सोच नवीन, आया नूतन वर्ष वाह-वाह!! उत्सुकता से स्वागत करते, एक दूजे को देवे बधाई। घर-घर में पकवान बनाते,…
अपनी अपनी राह

अपनी अपनी राह

।। अपनी-अपनी राह।। 28-03-2025 मानव तेरी मानवता का, रंग तूने खूब जमाया, धर्म पुण्य का भेद बुलाकर, सब जीवों को है खाया, धन खाया, जमीन खाई, रिश्ते नाते, प्रेम को…
श्रीमद्भगवतगीता में ही समाया है सम्पूर्ण जीवन 

श्रीमद्भगवतगीता में ही समाया है सम्पूर्ण जीवन 

"श्रीमद्भगवतगीता में ही समाया है सम्पूर्ण जीवन!"- आचार्य श्रीराधाकृष्ण मनोडी जी "मानव जाति के लिए यदि कोई एक जीवन संहिता है या जीवन को दिशा देने वाला कोई एक ग्रंथ…
दयाशंकर जी का काव्य

दयाशंकर जी का काव्य

काँटों से डर जाने वाले, घावों को क्या जानेंगे। शब्द उधारी में लेते जो, भावों को क्या जानेंगे।। दो कौड़ी में बिकने वाले, दीप दिखाते सूरज को। लहरों से भय…
अपनी अपनी राह

अपनी अपनी राह

।।अपनी-अपनी राह।। ।।सच्चाई।। लिखना सब जानते हैं, पर पढ़ना जानता बिरला ही, बोलना सब जानते हैं, पर सुनना जानता बिरला ही, अरे! लिखने-बोलने से कुछ नहीं होता,  ज्ञान के सागर…
होली चाइल्ड स्कूल जड़ौदा में खेलकूद

होली चाइल्ड स्कूल जड़ौदा में खेलकूद

आज दिनांक 27.03.2025 को होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के प्रागंण में त्रिदिवसीय वार्षिक खेल प्रतियोगिता 2024-25 के समापन के अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों महामंडलेश्वर अध्यक्ष…
हिंदू नववर्ष पर कवि मुकेश की मंगल कामना

हिंदू नववर्ष पर कवि मुकेश की मंगल कामना

।। नववर्ष पर खुशहाली की कामना।। हिन्दू नव वर्ष की मंगल वेला पर, सब ही को कोटि-कोटि प्रणाम। तन-मन-धन से सुखी रहें सब, ईश कृपा से पूर्ण हों सब काम।।…
अपनी अपनी बात

अपनी अपनी बात

।। अपनी-अपनी राह।। गरीबों की गरीबी पर कोई तो है, जो तरस खाता है, कोई है जो इनकी लाचारी को, समझ नहीं पाता है, किसी निर्धन के घावों पर, मरहम…