बाल कविता

बाल कविता

बाल कविता

।।पेड़।।

पेड़ अगर मैं होता प्यारा
फूलों से लद जाता सारा।
हरियाली से खूब नहाता
गीत प्यार के मैं भी गाता।
मीठे मीठे फल मैं देता
प्यार खूब बदले में लेता।
लहर लहर लहराता जब मैं
आ जाता झट बादल नभ में।
खूब बरसता मुझसे मिलकर
हँसता फिर मैं जी भर खिलकर।
हवा दान में देता सबको
याद हमेशा करता रब को।
जो भी मुझे हानि पहुँचाता
उससे कुट्टी कर मैं जाता।
जो भी मुझसे यारी करता
घर उसका खुशियों से भरता।
धरती को मैं खूब सजाता
दुनिया में खुशहाली लाता।
बन जाता आँखों का तारा
पेड़ अगर मैं होता प्यारा।

रचनाकार

श्योराज बम्बेरवाल ‘सेवक’

मालपुरा

प्रस्तुति