बीसलपुर बांध भ्रमण कार्यक्रम
दिनांक – 28 जुलाई 2025
यात्रा संस्मरण
हमारा परिवार सावन सोमवार की वजह से बीसलपुर बांध भ्रमण करने के लिए सायं काल 4.00 बजे घर से रवाना हुए। दो मोटरसाइकिल पर पाँच सदस्य बैठकर बीसलपुर गये।
बीसलपुर बांध टोडा रायसिंह से 12 किलोमीटर दक्षिण दिशा में स्थित है। टोंक जिले का यह सबसे बड़ा बांध है। इसमें कुल अट्ठारह गेट हैं। इसका पानी पेयजल एवं सिंचाई में काम आता है।
हम अरावली पहाड़ियों की प्राकृतिक छटा को निहारते लगभग 4.45 बजे बीसलपुर बांध पहुंच गए। बांध के पुल से काफी जनता इधर से उधर आ जा रहे थी। पैदल चलकर बांध के खुले छह गेटों को हमने अपनी आंखों से देखा। नजारा खूबसूरत, आवाज करता पानी, बनास नदी में कल कल करता पानी, शानदार दो पहाड़ियों के बीच बना बीसलपुर बांध।
प्राकृतिक छटा से ओतप्रोत यह बांध, नजर जहां तक जाये वहां तक पानी ही पानी। जैसे सागर नजर आ रहा हो। यहाँ पर गोकर्णेश्वर महादेव का खूबसूरत मन्दिर अरावली की पहाड़ियों के नीचे स्थित है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने यहां आकर तपस्या की थी। उनके नाम से पास ही नदी किनारे रावता नाम से गांव बसा हुआ है।
मन्दिर दर्शन करके पुनः पुल से होकर सायंकाल 6.30 बजे बीसलपुर से टोडा रायसिंह के लिए हम रवाना हुए। रास्ते में मतस्य museum (मछली घर) बना हुआ है लेकिन अभी बंद है। इसके आगे लव कुश वाटिका वन विभाग द्वारा बनाई गई।जो खूबसूरत नजर आयी। इसके तीन ओर पानी नजर आ रहा था।
आगे चले तो अरावली पहाड़ियों से कल कल बहते खूबसूरत झरने दिखाई दिए।शाम का समय होने से पास न जा सके। फिर थोड़ा आगे चलकर जोगीडा़ बालाजी के दर्शन किए। यह स्थान हरियाली से आच्छादित है। यहां अनेक पर्यटक घूमने आते हैं।सखी सोमवार होने से भीड़ थी। हम दर्शन करके टोडा रायसिंह सकुशल घर पर आ गये।
वृत्तांत सृजक
श्री शिवराज जी कुर्मी
प्रस्तुति