श्री मोहनलाल वर्मा जी का आलेख

श्री मोहनलाल वर्मा जी का आलेख

आलेख ✍️ अखंड भारत और स्वतंत्रता ✍️ स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि आत्मावलोकन का अवसर है। दिव्य चेतना और राष्ट्र निर्माण मानव जीवन केवल शरीर…
आत्माभिव्यक्ति

आत्माभिव्यक्ति

वीरता और चातुर्य का प्रतिबिम्ब थी रानी नायकी डॉ. अशोक चौधरी का लेख प्रकाशित भारतीय इतिहास में महिला शक्ति की अद्वितीय गाथाओं को उजागर करने की अपनी तमन्ना के तहत…
वीडियो विश्लेषण

वीडियो विश्लेषण

वीडियो लिंक https://youtu.be/nDwHd4TUy50?si=FcJBClrzPScrW8Uo सारांश यह वीडियो शिक्षक दिवस के अवसर पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति और प्रसिद्ध शिक्षक श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के महत्व पर केंद्रित है। वीडियो में…
साहित्य मंच का आयोजन

साहित्य मंच का आयोजन

🎓 साहित्य मंच – टोडारायसिंह  शिक्षक दिवस समारोह स्थान: श्री दिगम्बर जैन सन्मति सागर उच्च माध्यमिक विद्यालय, टोडारायसिंह (जिला टोंक) गुरु वंदन से हुआ कार्यक्रम का शुभारम्भ शिक्षक दिवस अवसर…
वीडियो विश्लेषण

वीडियो विश्लेषण

वीडियो लिंक https://youtube.com/shorts/jx2WhSumWQU?si=BtDQFpmppPlIYHKk सारांश यह वीडियो उन जातियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है जिन्होंने भारत के इतिहास में विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध योद्धा के रूप में बहादुरी दिखाई।…
भाव से आशय

भाव से आशय

ऊपर जो चित्र निवर्तमान महापौर मेरठ सुशील गुर्जर के द्वारा साझा किया गया है उसमें भगवान श्रीकृष्ण का विराट भाव दिखाई दे रहा है और उसके नीचे लिखा हुआ है…
वीडियो विश्लेषण

वीडियो विश्लेषण

यूट्यूब वीडियो लिंक https://youtu.be/X0P6M4N3GT4?si=T40U3kihIGRERHTF सारांश इस वीडियो में हिमांशी जीएमई का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेशी भाषाएँ सीखने के फायदों पर चर्चा कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जर्मन, स्पेनिश, चीनी,…
सामाजिक अभिशाप दहेज

सामाजिक अभिशाप दहेज

दहेज : समाज का बहुरंगी लेकिन काला सच भारतीय समाज की विविध बिरादरियों में दहेज प्रथा आज भी ऐसी ही मजबूती से जकड़ी हुई है जैसे किसी अतीत की बेड़ी।…
बात समझने की ही है

बात समझने की ही है

कपड़ों से नहीं, चरित्र से होती है इंसान की असली पहचान क्या इंसान की पहचान उसके कपड़ों से होती है? क्या साधारण सी धोती, फीका पड़ा कुर्ता और घिसी हुई…
कथन विश्लेषण

कथन विश्लेषण

भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में मेरठ जनपद के निवर्तमान महापौर सुशील जी ने कहा— "सहायता से ज़्यादा ज़रूरी है साथ, और वो भी नि:स्वार्थ!!", तो यह वाक्य केवल औपचारिक…