सार छंद

सार छंद

सार छंद मेरे पापा ईश्वर के सम मेरे पापा, हर दु:ख में मुस्काएँ । संघर्षों के बीच सदा ही, सबको राह दिखाएँ ।। पैरों पर है खडा किया अब, हर…
बारिश के दिन

बारिश के दिन

बारिश के दिन कागज की कश्ती को तैराने के दिन आ गए, कल-कल बहते झरनों में स्नान के दिन आ गए, अभी हमारे चारों ओर प्रकृति अनुकूल है इसलिए, पेड़…
हौसला

हौसला

हौसला हो तो उम्र नहीं बनती रुकावट कहते हैं कि यदि इरादा मजबूत हो तो उम्र, जिम्मेदारियाँ या हालात—कुछ भी रास्ता नहीं रोक सकते। हाल ही में उत्तर प्रदेश के…
पितृ दिवस पर रचित काव्य

पितृ दिवस पर रचित काव्य

।।अपनी-अपनी राह।। ।।पिताजी।। तुम पिता मेरे, तुम ख्वाब मेरे, तुम ही हो भाग्य विधाता। मैं नित उठकर, तुम्हरे चरणों में अपना शीश झुकाता।। तुम ज्ञान मेरे, तुम ध्यान मेरे, तुमसे…
गंगा दशहरा

गंगा दशहरा

सतयुग में ध्यान, त्रेतायुग में ध्यान और तप एवं द्वापर में ध्यान, तप तथा यज्ञ के द्वारा मोक्ष की प्राप्ति होती थी, लेकिन कलियुग में केवल माँ गंगा ही मोक्ष…
वृत्तांत

वृत्तांत

वृतांत एक सारस्वत यात्रा 'मंदाकिनी मिहिका' से पर्यावरण की ओर आज का दिन साहित्यिक जीवन की एक अविस्मरणीय उपलब्धि के रूप में अंकित हो गया — जब मेरी दोहा सतसई…
स्नेह के धागों की ताकत

स्नेह के धागों की ताकत

कुरीतियों को तोड़ता एक वैवाहिक गठबंधन हरिद्वार - भारतवर्ष में अपनी जाति में विवाह करने की परंपरा है; जैसे वैश्य - वैश्य में, क्षत्रिय - क्षत्रिय में, ब्राह्मण - ब्राह्मण…
पहलगाम

पहलगाम

देश-विदेश के सैलानी धरती के स्वर्ग जम्मू कश्मीर को देखने जाते हैं, यह कैसा दुर्भाग्य कि जो , हँसते-हँसते गए, इस बार रोते-रोते आये हैं, पाकिस्तानी आतंकियों ने हिन्दुओं को…
विरोध प्रदर्शन

विरोध प्रदर्शन

सम्मानित मित्रो! आज दिनांक 25.4.25 को वरिष्ठ नागरिक समाज गौतमबुद्धनगर के वरिष्ठ सदस्यों के द्वारा अपने बीटा 2 मार्केट, ग्रेटर नोएडा स्थित कार्यालय परिसर में पहलगाम, काश्मीर (भारत) में आतंकियों…
झुलसती धरती दोषी कौन?

झुलसती धरती दोषी कौन?

झुलसती धरती दोषी कौन? झुलसती धरती दोषी कौन,आपस में सब बैठे मौन। धरती बंजर कर दी सारी,बिछी जाल कंक्रीट की भारी। अट्टालिकाऍं ऊॅंची-नीची,बहै नालियाॅं जहर सींची। दूर-दूर तक गायब हरियाली,पड़े…