विश्वास और दिशा
जीवन के दो आधार स्तम्भ
मनुष्य जीवन का पथ अक्सर अनिश्चितताओं से भरा होता है। कभी मंज़िल पास होती हुई भी दूर दिखती है, तो कभी सब प्रयास व्यर्थ से लगते हैं। ऐसे क्षणों में एक ही शक्ति होती है जो हमें संभालती है — भरोसा। वह भरोसा किसी मनुष्य पर नहीं, बल्कि उस अदृश्य परम शक्ति पर जो हमें यहाँ तक लायी है और आगे भी ले जाएगी।
जिस व्यक्ति के भीतर यह विश्वास जाग्रत होता है, उसका साहस कभी नहीं टूटता। वह जानता है कि कठिनाइयाँ स्थायी नहीं हैं; वे केवल उसकी परीक्षा हैं। जैसे पौधा मिट्टी में दबकर भी प्रकाश की ओर बढ़ता है, वैसे ही श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति अंधेरों से भी उजाला ढूँढ़ लेता है।
परंतु केवल भरोसा ही पर्याप्त नहीं। जिस दीपक में ज्योति है, उसे दिशा भी चाहिए — वरना उसका प्रकाश व्यर्थ हो जाएगा। यही बात जीवन में मार्गदर्शन के लिए लागू होती है। यदि सही दिशा दिखाने वाला मिल जाए — कोई गुरु, कोई अनुभवी व्यक्ति, या कोई सही विचार — तो साधारण प्रयास भी असाधारण परिणाम देने लगते हैं। दीपक का प्रकाश छोटा होता है, पर जब वह सही दिशा में रखा जाता है, तो वह अंधकार को सूर्य की तरह मिटा देता है।
एक ग्रामीण शिक्षक की कहानी लें — वे सेवानिवृत्ति के बाद जीवन को निरर्थक मानने लगे। लेकिन एक दिन एक युवा ने उनसे कहा, “आपकी शिक्षाएँ अब भी हमें दिशा देती हैं।” बस वही शब्द दीपक बन गए। उन्होंने फिर से बच्चों को निःशुल्क पढ़ाना शुरू किया, और आज सैकड़ों विद्यार्थियों के जीवन में वे प्रकाश बन चुके हैं।
इसलिए, हर व्यक्ति को दो बातों का अभ्यास करना चाहिए —
1. ईश्वर पर अटूट विश्वास रखना, कि वह हमें हर परिस्थिति में सही राह दिखाएगा।
2. सही दिशा की तलाश करना, ताकि हमारी क्षमताएँ उद्देश्यपूर्ण हों।
जब भरोसा और दिशा दोनों साथ चलते हैं, तो जीवन का हर अंधकार उजाले में बदल जाता है।
सही मार्गदर्शन और सच्ची आस्था मिल जाए, तो साधारण मनुष्य भी दूसरों के लिए मददगार प्रकाश बन सकता है।
🌅 संदेश
हर दिन स्वयं पर और परमशक्ति पर विश्वास रखिए, और किसी की राह में दीपक बनिए — क्योंकि कभी-कभी एक छोटी सी रोशनी भी किसी का जीवन बदल देती है।
समाजशास्त्री डॉ. राकेश राणा के अनुसार —“विश्वास व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा है, जबकि दिशा उसका सामाजिक मार्गदर्शक तत्व। यदि समाज में हर व्यक्ति अपने भीतर विश्वास और दिशा के संतुलन को जगाए, तो वह स्वयं में भी प्रकाश बनेगा और दूसरों के जीवन में भी दीपक की तरह चमकेगा।
सृजक

पाठ्य उन्नयन और विस्तार व प्रस्तुति
