ग्राम पाठशाला स्वयंसेवी नितिन की विनम्रता ने किया कायल
Man thinks, vector. Hand drawn sketch. A man props his chin with his hand and thinks, dreams.

ग्राम पाठशाला स्वयंसेवी नितिन की विनम्रता ने किया कायल

भूमिका

सृष्टि में स्वयं को सबसे निचली पायदान पर रखकर समाज या फिर किसी अभियान में जुटा रहने वाला कोई भी इंसान बहुत महत्वपूर्ण होता है। ग्राम पाठशाला के एक ऐसे ही स्वयंसेवी हैं श्री नितिन जी। उनसे बात करने का मन था लेकिन देखिए उन्होंने जो लिखा उसने मुझको उनका कायल कर दिया। 

हमारा था आग्रह

साथियो आज हमारे साथ हैं नोएडा के कल्दा ग्राम के पुस्तकालय के प्रचालन में विशिष्ट भूमिका का निर्वहन करने वाले नितिन जी। यह वही पुस्तकालय है जहां की विशेषताओं के जनजागरण से अवगत हो जनपद हापुड़ के सचिन भारद्वाज डायमंड ने एक विशिष्ट प्रतियोगी परीक्षा क्रैक करके अपनी आजीविका का मार्ग बनाया। नितिन जी यद्यपि पुलिस विभाग में कार्यरत हैं लेकिन प्रतिदिन अपने ग्राम की लाइब्रेरी की प्रगति का जायजा लेते है। तो आइए जानते हैं उनके मनोभावों को।

प्रत्युत्तर

सर आपसे जुड़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

मेरा परिचय कुछ खास नहीं है और सर अभी मेरा काम अधूरा है।

मेरा गांव बहुत छोटा सा है लेकिन अच्छी शिक्षा और रोजगार के अलावा वहाँ सभी कुछ है।

बच्चे अभी पूरी तरह लाइब्रेरी का रुख नहीं कर पा रहे है और ना ही रोजगार पा रहे हैं।

जिस दिन कलदा गांव के बच्चे भी निः शुल्क लाइब्रेरी मे पढ़कर नौकरी पा लेंगे मैं उस दिन स्वमेव आपका आशीर्वाद लूंगा।

आपसे बहुत छोटा हूँ कोई गलती हो गयी हो तो कृपया क्षमा कर दीजियेगा 🙏🏻🙏🏻

प्रस्तुति