प्रेरणा

प्रेरणा

संस्मरण

सरदार पटेल से मिली प्रेरणा

बचपन में जब मैंने पहली बार अपने दादाजी से सुना —

“बिटिया! सरदार पटेल ने अखंड भारत बनाया,”

तो मुझे लगा जैसे कोई वीर योद्धा होगा जिसने तलवार से लड़ाई जीती होगी।

पर जैसे-जैसे इतिहास पढ़ा, समझ में आया कि उन्होंने तलवार नहीं, साहस, संयम और एकता की शक्ति से लड़ाई जीती थी।

एक बार विद्यालय में “राष्ट्रीय एकता दिवस” पर सरदार पटेल पर भाषण देना था।

मैंने उनकी तस्वीर को देखा — दृढ़ चेहरा, शांत आँखें, और ओठों पर आत्मविश्वास।

तब लगा कि सच्चा बल शरीर में नहीं, विचारों की दृढ़ता में होता है।

जब भी जीवन में कोई निर्णय कठिन लगता है,

मैं मन ही मन कहती हूँ — “अगर पटेल इतने राज्यों को जोड़ सकते हैं,

तो मैं अपने विचारों को क्यों नहीं जोड़ सकती?”

यह सोच हर बार मुझे नई ऊर्जा देती है।

सरदार पटेल मेरे लिए केवल इतिहास के पन्ने नहीं,

प्रेरणा के दीपक हैं, जो आज भी भीतर रोशनी करते हैं।

रचनाकार

प्रस्तुति
मासिक पत्र