कवि सम्मेलन

कवि सम्मेलन

ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन

मां स्मृति संस्थान टोंक द्वारा कविवर स्वर्गीय श्री देवीलाल पंवार ‘दादा’ की स्मृति में आयोजित स्थानीय कवि सम्मेलन में टोंक शहर के कवियों ने काव्य प्रेमी श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा।

राष्ट्रीय कवि प्रदीप पंवार के संयोजन और अंतर्राष्ट्रीय शायर डॉ. जिया टोंकी के संचालन तथा वरिष्ठ साहित्यकार श्री हनुमान प्रसाद बोहरा की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुआ । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्रीमती लक्ष्मी जैन पूर्व सभापति नगर परिषद टोंक, श्री नरेश बंसल भाजपा नेता, श्री अकबर खान अध्यक्ष रेल लाओ संघर्ष समिति, युवा भाजपा नेता श्री विनायक जैन , तहसीलदार श्री मानवेंद्र सिंह रहे।

कवि सम्मेलन में शिमला शर्मा शुभ्रा ने ‘भक्ति रस में नहाऊं’ सरस्वती वंदना तथा ‘यह समर्पण की और प्रेम की निशा’ गीत सुनाकर शुभारंभ किया।

राष्ट्रीय कवि प्रदीप पंवार ने प्रभु श्री राम की वंदना जय रघुनंदन ‘जय सियाराम ‘ अपने पिता पर ‘कैनवास पर बचपन की गंभीर चित्र थे बाऊजी’ तथा ऑपरेशन सिंदूर पर पर

हम भारत मां के बेटे हैं नादान को नहीं डराते हैं

किंतु बने वह भस्मासुर तो पल में ख़ाक बनाते हैं

हम वो मेघ नहीं बाणासुर जो केवल गर्जना ही चाहते हैं

हम वो बादल है नासमझ जो बिन गरज ही बरस जाते हैं..

और! बाद की स्थितियों पर

‘अब तो जनता को ऐसी हुंकार भरना चाहिए

देशद्रोही बड़बोलों के दिल जिससे डरना चाहिए

बहिष्कृत बेइज्जत कर विवादित बोलने वालों के

सरेआम चौराहों पर काले मुंह करना चाहिए’

सुन कर खूब वाहवाही लूटी..

कवियत्री ममता मंजुला ने ‘हुस्न पर शबाब आया है आशिकों पर अजाब आया है’ और ‘जमाने से जाना जो ऐसे डरोगे भला मुझसे कैसे मोहब्बत करोगे’ ग़ज़लें सुनाकर खूब दाद पाई।

कवियत्री रेखा जैन ने ‘तेरी चाहत की काजल को मैं अंखियों में लगाती हूं ‘ और ‘मैं पापा की दुलारी हूं मुझे नाजों से पाला है’ सुनाकर अपनी छाप छोड़ी ।

युवा कवि अक्षय बोहरा ने सरगी कवि स्वर्गीय कवि श्री देवीलाल पंवार की याद में ‘बहुत याद आते हो तुम दादा ‘ और ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना के लिए ‘वे महाकाल की आशीष से काल से भी लड़ जाते हैं ‘ सुनाकर श्रोताओं में जोश कर दिया।

कवि हनुमान बादाम

‘घर की रौनक बढ़ती है बेटियां ,बेटों से बढ़कर होती है बेटियां, नन्ही मां कभी मां कभी मां की ममता बनी

रूप कितने निभाती है बेटियां’ सुनाकर तालियां बजवाई।

कवि माणक चंद सोदा ने ‘अपने परिचय और टर टर कविता से श्रोताओं को खूब हॅंसाया.

कवि दयाशंकर शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर पर

‘महाभारत का शंखनाद फिर होता है तो होने दो’

सुना कर वाह वाह कहने पर मजबूर कर दिया।

‌युवा कवि मोहित वैष्णव ने ‘अपने ही अंदर कई खिड़कियां बनानी है मुझे फोलाद सी कुछ लड़कियां बनानी है तुम बनाते रहो बंदूक बम और पटाखों को मुझे सावन में हरी चूड़ियां बनानी है’ सुनाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया।

कवि हंसराज ‘हंस’ ने ‘खामोशी भी एक कला है’ सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर विवश कर दिया।

कवि बाबूलाल नायक ने ‘ऑपरेशन सिंदूर सफल है घर में घुसकर किया धमाका’ सुनाकर माहौल को जोशीला बना दिया।

कवि मुकेश कुमावत ‘मंगल’ ने भगत सिंह से संवाद कविता सुनाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

कवि सम्मेलन का शानदार संचालन करते हुए अंतर्राष्ट्रीय शायर डॉ. जिया टोंकी ने ‘ दुनिया में तेरे प्यार से बेहतर नहीं मिलता, मां जैसी मोहब्बत का समंदर नहीं मिलता, रह जाती मेरी शायरी बेकार जो मां के चरणों में ,अगर शब्दों का बिस्तर नहीं मिलता’ सुनाकर जबरदस्त तालियां बजवाई।

कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं वरिष्ठ साहित्यकार श्री हनुमान प्रसाद बोहरा ने श्रोताओं को खूब हंसाते हंसाते अपनी ग़ज़ल ‘जा रे बेटा जा’और ‘अरे मार डाला’ सुनाकर वाहवाही लूटी।

कवि सम्मेलन में श्रीरोहिताश कुमावत, श्री दिनेश शर्मा, श्री रमेश काला, गायक श्री धनराज साहू, श्री गजराज सिंह, डॉ प्रदीप गहलोत, डॉ राजीव बंसल, श्रीविष्णु दत्त बिंदल, पंडित डॉ पवन सागर, श्री बेनी प्रसाद गुर्जर, श्रीगोपाल नटराज, श्री दीनदयाल गुप्ता, श्री भारत नरूका, श्री निपुण चौहान, पंडित मुकेश शर्मा, प्रोफेसर डॉ प्रमोद शर्मा, श्रीभगवान दास माहेश्वरी, श्रीमणिकांत गर्ग, श्री बृजमोहन गुप्ता, श्री बीएल वर्मा, एडवोकेट श्री भजनलाल सैनी, श्री भंवर लाल कुम्हार, श्री भगवान भंडारी, श्री बदर मियां, श्री देवेंद्र शर्मा, श्री फिरोज खान, श्री हेमराज साहू, श्री रमेश साहू, श्री मुन्ना साहू, श्री मुमताज उस्मानी, श्री विनोद शर्मा, श्री घासी लाल सैनी, श्री मनीष, श्री सत्यनारायण विजय सहित कई श्रोता देर रात तक जमे रहे ।

चित्रशाला

सूचना स्रोत 

कवि प्रदीप पंवार

संयोजक, माँ स्मृति संस्थान, टोंक

प्रस्तुति