महाराणा प्रताप जयंती

महाराणा प्रताप जयंती

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जयन्ती

प्रथम कविता

एक घनाक्षरी आप सबकी समीक्षा में 🙏🙏

शिक्षिका शालिनी जी की कृति

हिन्दुओं की शान था वो परम महान था वो

दिव्य ऊर्जावान सूर्य वाला उसमें ताप था।

 

घास रोटी खाके काटी मुगलों की बोटी बोटी

बना शत्रुओं के लिए घोर अभिशाप था।

 

खींची जो लकीर मिटा सकी ना तकदीर

पश्चाताप काल को भी स्वयं अपने आप था।

 

कलम हो पानी पानी लिख के वो कहानी

मेवाड़ी सरदार वो तो महाराणा प्रताप था।

रचनाकार

✍️टीकाराम राजवंशी

द्वितीय कविता

हल्दीघाटी: स्वतंत्रता भी स्वाभिमान भी

हल्दीघाटी का युद्ध लड़े थे राणा।

अकबर के कद से बहुत बड़े थे राणा।।

चेतक पर भाला लिए गर्जना करते ,

दुश्मन के बनकर काल खड़े थे राणा ।।

 

माटी में जन्मे और जिए माटी में ।

माटी की रोटी मिली जिसे माटी में ।।

मेवाड़ राज्य के सूर्य स्वर्ण से मंडित।

निज आन-बान के लिए लड़े घाटी में ।।

 

हाँ त्याग तपस्या शौर्य जड़े थे राणा।

हल्दीघाटी में युद्ध लड़े थे राणा ।।

 

थे कई प्रलोभन मगर मिला ना पाए ।

सागर को अंजुलि नीर पिला ना पाए ।।

अंगद के पद सम आज युद्ध में दृढ़ थे ।

अकबर के व्यर्थ प्रयास हिला ना पाए ।।

 

देकर मूंछों पर ताव अड़े थे राणा ।

हल्दीघाटी का युद्ध लड़े थे राणा।।

रचनाकार

@…दया शंकर शर्मा

चित्र संदर्भ

शिक्षिका शालिनी और गूगल से

प्रस्तुति