मासिक अदबी गोष्ठी
जयपुर, 29 अगस्त (वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में 29 अगस्त, 2025 को मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया।
अकादमी सचिव डॉ.रजनीश हर्ष ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता ब्यावर के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.अर्जुन कृपलानी ने की। गोष्ठी में जयपुर की वरिष्ठ कवियत्री श्रीमती वीना करमचंदानी ने विभाजन की विभीषिका की पीड़ा को अपनी कविता ’हकीकत’ एवं ’वरसो’ के माध्यम से व्यक्त किया। श्रीमती पूजा चांदवानी ने ’साहित्यकार ऐं पत्रकार कन्हैया अगनानीअ जो रचना संसार’, के लेख में उनकी साहित्यिक यात्रा व पत्रकारिता में योगदान पर प्रकाश डाला।
अजमेर की डॉ.मीना आसवानी ने ’वासदेव मोहीअ जे कविताउनि में ज़िंदगीअ जो फलसफो’ विषयक आलेख में उन्होंने कहा कि
“जिन्दगी अजब तो हो सकती है, चन्द सवाल भी हो सकते हैं लेकिन पूर्ण विराम नहीं हो सकती।”
अजमेर की ही डॉ.पुष्पा कोडवानी ने कहाणीकार इन्द्रा वासवानी विषयक आलेख में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये बताया कि
“लेखिका ने अपनी कहानियों में महिलाओं के दर्द और उनके द्वारा अपनी पहचान बनाने के लिये संघर्ष को दर्शाया है।”
ब्यावर के प्रो.अर्जुन कृपलानी ने स्वरचित कहानी ’बन्द दरवाजो’ में एक गरीब महिला के उत्पीड़न को अभिव्यक्ति दी। निवाई की सुश्री योग्यता इसरानी ने ’बर्ख कवि ऐं ग़जलकार एम.कमल’ विषयक आलेख, मनोज आडवानी ने देश भक्ति कविता ’गुलामी’, श्रीमती हर्षा पंजाबी ने स्वरचित लघु कहानी ’मिजमान’ प्रस्तुत की। श्रीमती कविता सचदेव ने सावण और भादो महीने के सिन्धी तीज-त्यौहार पर विस्तार से प्रकाश डाला।
गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, रिन्ने मीराजा, माया वसन्दानी, कविता इसरानी, लता कृपलानी, हेमनदास, महेश किशनानी, अशोक चैनलाल आहुजा तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन डॉ.माला कैलाश ने किया।
गोष्ठी के अन्त में लेखक डॉ.विवेकानन्द गोस्वामी के आकस्मिक निधन पर दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
सूचना स्रोत
डॉ.रजनीश हर्ष एवं गोकलानी जी
प्रस्तुति

