भूमिका
मीठे शब्दों का जादू बेमिसाल
रवि प्रतिदिन की तरह अपने बगीचे में बैठा था, तभी उसकी छोटी बहन रिया पास आई। उसने मुस्कुराते हुए कहा,
“भैया, आपकी मेहनत से यह गुलाब कितना सुंदर खिला है। सच में, आपकी देखभाल का कोई जवाब नहीं।
रवि ने उसकी ओर देखा और उसकी तारीफ से उसकी थकान पल भर में गायब हो गई। उसने प्यार से कहा,
“रिया, तुम्हारे जैसे मीठे शब्द इंसान का दिन बना देते हैं।”
रिया मुस्कुराते हुए बोली,
“भैया, यही तो जीवन का असली जादू है। एक-दूसरे को खुश करने के लिए सिर्फ कुछ मीठे शब्द ही तो चाहिए।”
रवि ने उसे गले लगाते हुए कहा,
“सच में, रिया, तुम्हारे शब्दों ने मेरे दिल को खुशियों से भर दिया।”
इस छोटी सी बातचीत ने जहां उनके रिश्ते में और मिठास घोल दी वहीं प्रस्तुत कविता जीवन में मीठे शब्दों की महत्ता को और स्पष्ट करेगी ऐसा हमारा और प्रख्यात कवि श्योराज जी का विश्वास है।
मीठे बोल हैं अनमोल
इस दुनिया में बोलिए, सबसे मीठे बोल।
प्यार प्रेम की चाशनी, मन मंदिर में घोल।।
मीठी वाणी बोलकर, पूछो जग के हाल।
अपने ही सब लोग हैं, मत यूं डर को पाल।।
वाणी से बनता सदा, इस दुनिया में हेत।
है जीवन इसके बिना, बस मुठ्ठी भर रेत।।
वाणी से बढ़ता सदा, सब लोगों में मेल।
चंद दिनों का है यहां, इस जीवन का खेल।।
बोली ही तलवार है, बोली ही पतवार।
एक नाव को दे डुबो, एक करा दे पार।।
श्योराज बम्बेरवाल ‘सेवक’
खेड़ा मलूका नगर
टोंक (राजस्थान)