नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नया साल नई उमंगता,

मन में भरता नव उत्साह।

बीती बातें सोच नवीन,

आया नूतन वर्ष वाह-वाह!!

उत्सुकता से स्वागत करते,

एक दूजे को देवे बधाई।

घर-घर में पकवान बनाते,

बीते साल की करे विदाई।।

सड़कों और चौराहों पर,

गलियों और चौबारों पर।

करे रोशनी घर द्वारों पर,

मन मेल मिटे त्योहारों पर।।

पल-पल बीता साल पुराना,

देता सबको नज़राना।

भूल-चूक में हुई गलतियां,

उन्हें फिर से ना दोहराना।।

आपस में हिल-मिल कर रहना,

एक दूजे का हो सत्कार।

सुख-दु:ख में सब हाथ बटाना,

कभी ना करना तुम इनकार।।

सुख-दु:ख में अपने-पराए की,

पहचान हमेशा होती है।

जो देय समय पर साथ भला,

भली उसमें मानवता होती है।।

रचनाकार

‘नायक’ बाबूलाल नायक

चित्रांकन

चैट जीपीटी और कैनवा

प्रस्तुति