नींद/मृत्यु
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तुम रोज सोते हो
नींद में होते हो
तुम भूल जाते हो दुनिया को
नहीं पता होता तुम्हें
क्या होता है नींद में
क्योंकि
ये क्षणिक अभ्यास है मृत्यु का
जो स्वत:होता है
थोड़ा थोड़ा करके
नींद क्षणिक मृत्यु है
और मृत्यु चिर नींद
पर ये बात तुम समझ नहीं पाते
और ख़ुद को सर्वस्व मान लेते हो
समझते हो शाश्वत
पर भूलो मत
कोई अभ्यास करवा रहा है तुम्हें
अनंत यात्रा का चिर शयन का
रचयिता
…dAyA shArmA