कमियां
किसी किसी मे होती थी जो कमिंया अब आम हुई!
अच्छा बुरा नही सोचा ये आधुनिकता के नाम हुई!!
किसी किसी मे…………
नशाखोरी व धुम्रपान नुकसान सेहत को पहुंचाते है!
खुद के लिए ही खुद घातक जो इनको अपनाते है!!
युवा वर्ग मे दुर्भाग्यवश अब ये बीमारी आम हुई!!!
किसी किसी मे…………
बहन बेटियों की इज्जत न बचा सके मुर्दा होता है!
करे विरोध दुराचारी का उनमे कब गुर्दा होता है!!
लूटती आबरू गली गली नैतिकता क्यूं जाम हुई है!!!
किसी किसी मे…………
बस दो केले दे गरीब को और फिर रीलेक बनाते है!
जो करे दिखावा दान पुण्य का वो तो पाप कमाते है!!
दान पुण्य की लगी प्रदर्शनी जिंदगी बस बेदाम हुई!!!
किसी किसी मे…………
हिंसा को देखो धर्म का जामा लोग यहां पहनाते है!
मानवता के काम करें बस वो ही मानव कहलाते है!!
दूर करो कमिंया मिल कर जो दुनियां मे आम हुई!!!
किसी किसी मे…………
रचनाकार
🇮🇳🙏रमन”सिसौनवी”🙏🇮🇳
प्रस्तुति


