प्रशिक्षक के भाव

प्रशिक्षक के भाव

ना तो कुछ लेकर आए हो, ना ही कुछ लेकर जाना!
क्यूँ जमा जखीरा करते हो, सब यहीं छोडकर जाना!!
ना तो कुछ………….

दुआ – बद्दुआ समय आने पर,अपना असर दिखाती है!
मुई खाल की श्वांस से अक्सर, सार भस्म हो जाती है!!
खुशियाँ लेकर आए जग में, खुशियाँ ही देकर जाना!!!
ना तो कुछ………….

इन्सान तो बस है चौकीदार, दौलत किस की थाती है!
पता सभी को है फिर भी क्यूँ, भूल ये दुनिया जाती है!!
काम कमाई न आएगी, आपके संग मे पुण्य ही जाना!!
ना तो कुछ………….

पीड़ा का एहसास है होता, जब खुद पर ही बन आती है!
मदद करें पीडित की हम,क्यूँ बात न मन में आती है!!
परहित सरसि धर्म नहीं भाई, जाना तो है पर नहीं माना!!!
ना तो कुछ………….

करते हैं जीवन में वही हम, बात जो अपने मन भाती है!
बुरी लगे नहीं ईश्वर को, क्यूँ सोच के बात न की जाती है!!
अच्छाई ही असली दौलत, आप तो उससे भरो खजाना!!!
ना तो कुछ………….

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
🇮🇳रमन ‘सिसौनवी’🇮🇳