सगाई और भात में लिया मात्र एक-एक रुपया
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर: दहेज के दानव से जहां बेटियों के माता-पिता परेशान हैं, वहीं समाज में ऐसे भी लोग हैं, जो दहेज लोभियों को आइना दिखा रहे हैं। गुरुवार को शहर के साशी फार्म में हुए लगन-सगाई और भात के कार्यक्रम ने दहेज मुक्त विवाह की मिसाल पेश की है। सगाई और भात में केवल एक-एक रुपये लिया गया। वर पक्ष ने वधु पक्ष से आभूषण, फर्नीचर आदि सामान लेने से इन्कार कर दिया। बरात दो नवंबर को भोपा रोड स्थित मंगलम बैंक्वेट हाल में जाएगी।
मूल रूप से गांव दाहखेड़ी के रहने वाले चरण सिंह गुर्जर ऊर्जा निगम में ठेकेदार हैं और वर्तमान में शहर के कमलनगर में रहते हैं। इनके इकलौते पुत्र अंशुल गुर्जर की शादी टिटोड़ा निवासी स्वर्गीय रजनीश की बेटी वंशिका मोतला (तनु) से दो नवंबर को होनी तय हुई है। 29 अक्टूबर को साशी फार्म हाउस में सगाई और भात का कार्यक्रम हुआ। चरण सिंह गुर्जर एवं उनके पुत्र ने मात्र एक रुपया – सगाई और एक रुपया भात के रूप में लिया। भाती सतीश ने भात में एक रुपया दिया। बाहीं. वर पक्ष ने वधु पक्ष से अंगूठी, चेन लेने से भी इन्कार कर दिया। कार्यक्रम में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी शामिल हुए। उन्होंने पिता-पुत्र की दहेज मुक्त शादी वाली सोच की सराहना की। अंशुल ने बताया कि दो दहेज समाज के लिए कलंक है। भात के रूप में लाखों रुपये का चलन है, जो ठीक नहीं है। पिता जी ने लड़की वालों को पहले ही बता दिया था दहेज में कोई वस्तु या आभूषण नहीं लेंगे। हालांकि लड़की पक्ष से सोने की अंगूठी और चेन देने का प्रयास किया, लेकिन इंकार कर दिया। दो नवंबर को केवल दुल्हन को घर लेकर जाएंगे। चरण सिंह ने बताया कि दहेज के हमेशा से खिलाफ रहे हैं। समाज में सरल विवाह परंपरा को बढ़ावा मिले। इस कार्यक्रम में डा कलम सिंह, प्रोफेसर रामपाल सिंह, सूरत सिंह वर्मा, योगपात सिंह, धर्मवीर, मनोज धामा मौजूद रहे।
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