स्मरणीय कथा

स्मरणीय कथा

द्रौपदी और कृष्ण बहुत अच्छे दोस्त थे। एक दिन कृष्ण की अंगुली में चोट लग गई, और द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उस पर पट्टी बाँध दी। कृष्ण उनकी दयालुता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हमेशा उनके साथ रहने का वादा किया।

बाद में एक बुरी स्थिति उत्पन्न हो गई, जब द्रौपदी का अपमान किया गया और कृष्ण को द्रौपदी से किया हुआ अपना वादा याद आया। उन्होंने जादुई तरीके से उसकी साड़ी इतनी लंबी कर दी कि कोई उसे उतार न सके, जिससे उसकी लाज बच गई। इससे पता चलता है कि कैसे कृष्ण ने, भले ही उसका भाई न होते हुए भी, एक सच्चे दोस्त और भाई की तरह द्रौपदी की रक्षा की।

यह कहानी अक्सर रक्षा बंधन के आसपास साझा की जाती है ताकि यह दिखाया जा सके कि सुरक्षा का बंधन दोस्तों के साथ-साथ भाई-बहनों के बीच भी मौजूद हो सकता है।

चित्रशाला

क्रिएटर

सम्पादक ज्योति भड़ाना जी

ज्योति भड़ाना

प्रस्तुति