उलझन–सुलझन की स्वर्णिम आभा – शिवराज जी

उलझन–सुलझन की स्वर्णिम आभा – शिवराज जी

🌿 उलझन–सुलझन की स्वर्णिम आभा – शिवराज जी 🌿

10 अक्टूबर 1963 — यह वह दिन है जब टोंक जिले की धरती पर एक ऐसा व्यक्तित्व जन्मा जिसने “उलझनों को सुलझाने” की कला को जीवन का पर्याय बना लिया। कल्याणपुरा कुर्मियान जैसे स्वच्छ, शिक्षित और अनुशासित गाँव में जन्मे शिवराज जी कुर्मी ने न केवल शिक्षा को जीवन का आधार बनाया, बल्कि उसे समाज सेवा का साधन भी बनाया।

गाँव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय से आरंभ हुई शिक्षा यात्रा गणेती, बासेड़ा और टोडा रायसिंह के सरकारी विद्यालयों से होती हुई राजकीय महाविद्यालय, टोंक तक पहुँची, जहाँ 1985 में स्नातक की उपाधि अर्जित की। इसके बाद जयपुर से बी.एड. का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने शिक्षा सेवा में प्रवेश किया।

राजस्थान के सिरोही जिले में गुजरात सीमा के पास स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय, पादर (ब्लॉक रेवदर) में उनकी पहली नियुक्ति हुई — वही से एक शिक्षाव्रती यात्रा का शुभारंभ हुआ, जो 36 वर्षों तक निष्ठा, ईमानदारी और प्रेरणा की मिसाल बनी रही। अक्टूबर 2023 में सेवानिवृत्ति के साथ यह यात्रा अपने औपचारिक पड़ाव पर पहुँची, पर उनकी सक्रियता और शिक्षाप्रेम आज भी उतना ही ऊर्जस्वित है।

अपने 63वें जन्मदिवस पर शिवराज जी ने फिर एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया — उन्होंने अपना दिन स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ मनाया। रा.उ.मा.वि. टोडा रायसिंह में आयोजित प्रार्थना सभा में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को मोबाइल से दूरी बनाकर कविता, कहानी, उपन्यास और पहेलियों से जुड़ने की प्रेरणा दी।

उन्होंने बच्चों को कहा —

“दैनिक दिनचर्या में अनुशासन रखो, नींद पूरी लो, संतुलित भोजन करो और एक गिलास दूध रोज पीना कभी मत भूलो — शरीर भी मजबूत रहेगा और मन भी प्रसन्न रहेगा।”

दोपहर में रा.उ.मा.वि. भासू में अंत्योदय फाउंडेशन, मुंबई द्वारा भेजे गए खिलौना बैंक की स्थापना कर उन्होंने “खेल-खेल में सीखने” की शिक्षा पद्धति को साकार किया। विद्यालय परिवार ने इस प्रेरक पहल के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त किया।

सायंकाल जब परिवार और पड़ोसी एकत्र हुए, तो केक कटिंग के साथ यह दिन उल्लास और आत्मसंतोष का प्रतीक बन गया।

🌸 शिवराज जी कुर्मी —

एक शिक्षक, जिन्होंने ज्ञान को केवल विषय नहीं, जीवन का व्यवहार बनाया।

एक प्रेरक, जिन्होंने सेवानिवृत्ति को विश्राम नहीं, नवप्रेरणा का आरंभ माना।

और एक मनस्वी व्यक्ति, जिनकी सरलता में सुनहरी आभा की तरह चमकती है सुलझन की सौम्यता।

✨ जनचेतना मिशन की ओर से ऐसे कर्मनिष्ठ, प्रेरक शिक्षक शिवराज जी कुर्मी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ —

आपकी जीवनयात्रा यूँ ही नई पीढ़ियों के मार्ग को आलोकित करती रहे। 🌼

सूचना स्रोत

शिवराज जी कुर्मी

पाठ्य उन्नयन और विस्तार व प्रस्तुति

चैट जीपीटी