श्योराज जी की कलमकारी

श्योराज जी की कलमकारी

।।मुक्तक एक।। सागर देखा प्यासा हमने, मछली देखी प्यासी। मां बाप रुआंसे देखे, प्रीति दूजों से कासी। रुपया देखा खूब यहाँ पर, देखी खूब गरीबी, प्यार देख लिया दुनिया का,…
कलियुग

कलियुग

ये कलियुग ही तो है  कलियुग ही तो है ये जिसमें इंसान रुलाए जाते हैं जिंदा जानवर मारकर प्लेटों में सजाए जाते हैं।   कलियुग ही तो है ये जिसमें…
बर्बरता

बर्बरता

अभी तो मिट्टी ने उर में बीज संभाला ही था, न सूर्य ने उसे नेह से निहारा था, न पवन ने उसे प्यार से सहलाया था, बस धरती की नमी…
त्योहारी सत्र की शुभ कामना

त्योहारी सत्र की शुभ कामना

कलम श्री कृष्ण जी की उलझन सुलझन मासिक पत्र की ओर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं प्रयास सार्थक उलझन सुलझन चारों ओर नजर आता है। मने ये कैसे पर्व दिवाली…
श्योराज जी की कलमकारी

श्योराज जी की कलमकारी

।।सभी को शुभ दीपावली।। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 धन लक्ष्मी का वास हो, खुशियाँ हों घर द्वार। मंगल हो दीपावली, प्यारा ये त्योहार।।   रिश्ते यूं सजते रहें, जैसे सजते दीप। जगमग दुनिया…
जनता के राष्ट्रपति कहलाए

जनता के राष्ट्रपति कहलाए

जनता के राष्ट्रपति कहलाए स्वर्णिम इतिहास का, आज है महान दिन‌। मिसाइलमैन जन्मा था, आज ही के दिन। मन में सोचा था देहरादून जा, पायलट बन जाऊंगा जरूर। पर नियति…
कविता

कविता

तुमसे है सौभाग्य पिया जी मुखड़ा तुमसे है सौभाग्य पिया जी, जीवन बना श्रृंगार। दीप बने तुम जीवन के जब, उजियारा है अपार।। नयन बसी प्रीत की भाषा, मन-मंदिर रहे…
मटकी

मटकी

मटकी मैं मटकी हूँ चौराहे की, पर हर राह से जुड़ी हूँ मैं, सूनी राहों की तन्हाई में जल-सी भरी पड़ी हूँ मैं।   कोई ठोकर मारे तो भी फिर…
कृष्णदत्त जी की शिल्पकारी

कृष्णदत्त जी की शिल्पकारी

मुट्ठी जब तू इस जग में आया था मुट्ठी बंधी हुई लाया था। पता नहीं विधना के आगे क्या कसमें खाकर आया था।। जग में आकर के मुट्ठी को खोल…

कविता

जीवन बाध्यता सफ़र तो करना पड़ेगा। स्वयं को गढ़ना पड़ेगा।। कंटकों से राह निर्मित, पद मगर प्रत्याहरित ना। अनवरत पदचाप मेरी, दृष्टि मेरी संकुचित ना ।। तीक्ष्ण पाषाणों में मंज़िल,…