स्मृतियाँ

स्मृतियाँ

अपनी उलझनों को सुलझाऊँ कैसे? बताओ न डैडी आपको बुलाऊँ कैसे? मेरे चेहरे में दिखता आपका अक्स है, अपने ही चेहरे को भूल जाऊं कैसे? बताओ न डैडी आपको बुलाऊँ…
अधूरी उड़ान

अधूरी उड़ान

मनहरण छंद अधूरी उड़ान उड़ा था विमान नभ, लोग हुए हतप्रभ, प्रेम और प्रार्थना से, भरे हुए प्राण थे।   उड़ान थी नभ ओर, छूने चला मन छोर, उमंग भरे…
विधाता छंद

विधाता छंद

विधाता छंद ।। गाँव।। लगे प्यारा मुझे यारो, वही जो गांव मेरा है, हुआ था जन्म जिसमें ही, अभी फिलहाल डेरा है। रही है छाँव ममता की, सभी में प्यार…
स्वस्थ

स्वस्थ

स्वस्थ जीवन स्वतंत्र (दोहा)   ब्रह्म मुहुर्त सदा उठो,प्राणवायु शुद्ध होय। मिले सफ़लता शीघ्र ही,रहै न पीछे कोय।।   प्रातः उठकर जो करे,नित्य प्राणायाम। स्वस्थ स्वास्थ्य बना रहै,नहीं लगे कुछ…
हकीकत – ए – ज़िन्दगी

हकीकत – ए – ज़िन्दगी

हकीकत - ए - ज़िन्दगी बिना सिजेरियन के कोई आता नहीं है, और! बिना वेंटिलेटर के कोई जाता नहीं है। भगवान तुझे हो क्या गया है? तू डॉक्टरों को डाँट…
जल

जल

जल जीवन आधार रे बन्दे जल जीवन का सार....   जल है तो धरती का कल है । नदियों झरनों में कल-कल है ।। पुष्पों से महकी बगिया हैं ,…
अपनी अपनी राह – मुकेश कुमावत एवं  बाबूलाल नायक

अपनी अपनी राह – मुकेश कुमावत एवं बाबूलाल नायक

अपनी-अपनी राह (31-05-2025) विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जर्दा गुटखा पान मसाला खाने से, तेरे मुॅंह की शान चली जाती है, बीड़ी ,सिगरेट,तम्बाकू पीने से, खुद की मर्यादा भी छली…
अंधियारा

अंधियारा

सार छंद ।। अंधियारा।। ॲंधियारे में रहकर जाना, क्या होता उजियारा, इन दोनों में फर्क यहाँ अब, जान गया जग सारा।   काला अक्षर भैंस बराबर, कहती दुनिया सारी, पर…
प्यार और धन दौलत

प्यार और धन दौलत

सार छंद ।। प्यार।। अपने ही जन हैं ये सारे, नफ़रत क्यों फिर करना। करों बात मन की तुम सारी, नहीं किसी से डरना। प्यार दिलों में छाता है जब,…
कविता

कविता

झूठी भाषा आज उधारी के भावों से रिश्ते दुनिया तौल रही। मोबाइल की झूठी भाषा सिर पर चढ़कर बोल रही। अंतर्मन के भाव लुप्त हैं स्टेट्स की महफ़िल में ,…