धन्यवाद सा (राजस्थानी भाव)

धन्यवाद सा (राजस्थानी भाव)

'धन्यवाद सा' धन्यवाद सा धन्यवाद, उण सगला ने धन्यवाद, जो लाइसेंस लेकर गाड़ी चलावें, उण रा धन्यवाद, जो कटबा री गाया ने बचावें, उण रा धन्यवाद, जो बेटा संग बेटी…
नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नवल हिंदू वर्ष पर विशेष रचना

नया साल नई उमंगता, मन में भरता नव उत्साह। बीती बातें सोच नवीन, आया नूतन वर्ष वाह-वाह!! उत्सुकता से स्वागत करते, एक दूजे को देवे बधाई। घर-घर में पकवान बनाते,…
अपनी अपनी राह

अपनी अपनी राह

।। अपनी-अपनी राह।। 28-03-2025 मानव तेरी मानवता का, रंग तूने खूब जमाया, धर्म पुण्य का भेद बुलाकर, सब जीवों को है खाया, धन खाया, जमीन खाई, रिश्ते नाते, प्रेम को…
डॉ नाज़ परवीन की नई कविता

डॉ नाज़ परवीन की नई कविता

तुम बिखेर देना मुझे...!! सुनो...! झूठ कहते हैं लोग कि तुम कम बोलते हो! मैंने तुम्हारे लिखे शब्दों की पुकार को सुना है! देखा है तुम्हारी उत्तेजनाओं को, देखा है…
एकता दोहावली

एकता दोहावली

🇮🇳🌺एकता दोहावली 🌺 🇮🇳   हिन्दू-मुस्लिम एकता, स्वतंत्रता पहचान। भारत की रक्षा करी, देकर अपनी जान।।१।।   जन-जन में सद्भावना, भाईचारा मान। इक दूजे के पर्व को, देय सभी सम्मान।।२।।…
मुकेश कुमावत ‘मंगल’ की रचनाएं

मुकेश कुमावत ‘मंगल’ की रचनाएं

मुक्तक सरकारी की दुनिया में, निजी का मान घट जाता है, राजा की गलती पर वाहवाही, तो नौकर पिट जाता है, ईमानदारी से दो वक्त की रोटी कमाने वाला व्यक्ति,…
कविता ‘लाल्ली’

कविता ‘लाल्ली’

लाल्ली 'लाल्ली' का सम्बोधन ऐसा लाड़ टपकता दिखता है। बेटी बहना हर लड़‌की से यह पावनतम रिश्ता है।।   छोटी बहना को जब भैया खुश होकर 'लाल्ली' कहता। तब अनुजा…
एकता को होली के रंग बताएं रे!

एकता को होली के रंग बताएं रे!

दुनिया में कैसे एकता हो, होली के रँग बतायें रे। अलग अलग रँग मिलकर अद्भुत छटा दिखायें रे।। दुनिया में कैसे एकता हो, होली के रँग बतायें रे।। अपनी बुरी…
होली पर विशेष

होली पर विशेष

'निराली होली' रास रचाऊं तुम्हरे संग जब रंग जमेगा होली में, तन मन जायेगा रंग फिर धूम मचेगी होली में।   सब बैर भाव को भूल, हृदय के तार मिला…
पोर्टल प्रशस्ति

पोर्टल प्रशस्ति

मुक्तक एक 'उलझन सुलझन' पोर्टल पर देख रहे हम जीवन के सब रंग, जिनसे हम जीवन भर होली खेले अपने सब रिश्तों के संग। 'उलझन सुलझन' की कला गुणता बनाती…