एक दिन जली मोमबत्ती

एक दिन जली मोमबत्ती

एक दिन जली मोमबत्ती, उसकी रोशनी से जगमगा उठा घर का कोना-कोना। अपनी ही बाती की आग में पिघलने लगी मोमबत्ती और पिघलती चली गई, बस पिघलती चली गई। किसी…
बसंत

बसंत

भूमिका   सरसों के फूल खिले प्रेम संग प्रीत मिले बाग में बहार हो तो समझो बसंत है ।   नाचते मज़े में मोर आनंद हो ठोर-ठोर दिल में करार…
भाईचारा

भाईचारा

💢💖भाईचारा 💖💢 मुहब्बत एक दूजे से करना, मन में कुछ ऐसा विचारा है। आपस में मिलजुल कर रहना, बढ़ता इससे भाईचारा है।। छोड़ अतीत की बातें, अटूट संगम ही बनाना…
वेदना

वेदना

वेदना गीत मैं गाता नहीं गा रहा हूं वेदना को टूटे हृदय संवेदना को अंतर्मन में आह उठती व्यक्त जतलाता नहीं गीत मैं गाता नहीं मौन में भी गीत मेरे…
चौपाई छंद

चौपाई छंद

शबरी कुटिया एक बनाकर रहती राम द्वार आयेंगे कहती। राह ताकती शबरी दिखती राम नाम रटती ना थकती। चित्र परिचय - अनंत पांडे के इंस्टाग्राम पेज से साभार फल लाने…
कविता

कविता

चौपाई छंद जवानी बचपन बीत जवानी आई माया तब मन को भरमाई। जोड़ लिया फिर से इक नाता जीवन साथी जो कहलाता।   रंग नया जीवन में छाया जो मन…
वीर अमर सिंह

वीर अमर सिंह

वीर अमर सिंह    हल्दी घाटी का युद्ध, शेर की गर्जन। दुश्मन भयभीत प्रयाण, कंप अंतर्मन ।। अवरुद्ध वचन थे यवन, अश्व ना वश में । ज्यों शुष्क हुआ था…
💥चंग री धमाल💥

💥चंग री धमाल💥

💥चंग री धमाल💥 प्रीतम आजा रे मंगरा-मंगरा पर बाट निहारूं रे। प्रीतम आजा रे ••• •••• ••••••••। ऐ परभात्या चिडकोल्या बोले,मनडो लेय हिलोरा रे-2 काम-धाम की सुध-बुध खोई,बाट निहारूं रे।…
निडर

निडर

।।निडर।। हम डर से कभी ना डरते, जीवन में डर से कभी ना मरते।। ज़िन्दगी अपनी मर्जी से जीते, तो कौन है जो हमें डरायेगा। माँ-बाप, भाई-बहनों को अपना माना,…
महासमर

महासमर

भूमिका इस कविता में आधुनिक मानव के मानसिक द्वंद्व की अवस्था का चित्रण किया गया है। इसमें लोभ, त्रास, और स्वार्थ के विरुद्ध धर्म के सात्विक युद्ध को प्रस्तुत किया…