साप्ताहिक कार्यशाला मुक्तक हमारे देश के दुश्मन कभी जब वार करते हैं। मिटा देंगें अमन सारा यही वो धार करते हैं। निकालो ढूॅंढ कर उनको उन्ही के साथ मिलकर जो…
नमन मंच🙏🙏 दिनांक 22/04/2025 छंद- दोहा `पृथ्वी` पृथ्वी मेरी रहे सदा, पेडों से भरपूर। सब जन पेड लगाइए, बीमारी से दूर।। पृथ्वी मेरी है भला, स्वर्ण, रजत की खान।…
💐दोहे💐 नित्य भलाई जो करे, कृपा रखे भगवान। उत्तम विचार सादगी, सहज मिले सम्मान।।१।। शिक्षा से नाता रखे, करे सभी से प्रीत। छुआछूत की भावना, तजे बुराई रीत।।२।। …
प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ एक संवेदनशील आत्मा की अंतर्यात्रा को शब्द देती हैं। यह रचना एक ऐसे कवि की भावनात्मक अभिव्यक्ति है, जो शब्दों के माध्यम से अपने भीतर उठते…
पर उपदेश कुशल बहुतेरे उपदेश दूसरों को देते जगह जगह ही मिल जाते हैं। उनके सुन्दर वचनों को सुन श्रोता के मुख खिल जाते हैं। दहेज की उत्पीड़न गाथा नित-नित…
जाति सेनाएं: समरसता नाशक हर जाति की अपनी सेना, अपने सेनानायक हैं। अपने-अपने नारे सबके, अपने ही खलनायक हैं। अपना झंडा अपना डंडा, और अपना हथकंडा है। कहने को सुखदायक…