।। अपनी-अपनी राह।। 28-03-2025 मानव तेरी मानवता का, रंग तूने खूब जमाया, धर्म पुण्य का भेद बुलाकर, सब जीवों को है खाया, धन खाया, जमीन खाई, रिश्ते नाते, प्रेम को…
तुम बिखेर देना मुझे...!! सुनो...! झूठ कहते हैं लोग कि तुम कम बोलते हो! मैंने तुम्हारे लिखे शब्दों की पुकार को सुना है! देखा है तुम्हारी उत्तेजनाओं को, देखा है…
🇮🇳🌺एकता दोहावली 🌺 🇮🇳 हिन्दू-मुस्लिम एकता, स्वतंत्रता पहचान। भारत की रक्षा करी, देकर अपनी जान।।१।। जन-जन में सद्भावना, भाईचारा मान। इक दूजे के पर्व को, देय सभी सम्मान।।२।।…