राजस्थानी भाव

राजस्थानी भाव

💥राजस्थानी कविता💥 भरी दुपहरी ताॅंवडो़,अर बूळ्या री छाया। ठंडों पाणी मटकी रो,पीता तरपत काया।। भरी दुपहरी तूण चाली,बैठ्या गाॅंव री ढाणी। माटी री मटकी रो अमृत, ठंडो-ठंडो पाणी।। धौरां वाळो…
चौपाई छंद

चौपाई छंद

जय मां शारदे चौपाई छंद ।।ग्रीष्म ऋतु।। गर्म हवा चलती है भारी धरा आग-सी जलती सारी। भाती है पेड़ों की छाया राम राम रटती है काया। सूख गया अब सरवर…
चौपाई छंद

चौपाई छंद

चौपाई छंद ।।श्री राम।। राम नाम है सबसे न्यारा इस दुनिया का तारण हारा। राम बसे कण कण में मानो जन जन के घट में तुम जानो।   दशरथ नंदन…
सच्चा हितैषी

सच्चा हितैषी

हित संरक्षक कोई दीवाना कहता है, कोई मस्ताना कहता है। कोई परवाना कहता है, कोई पैमाना कहता है। मैं ना ही तो दीवाना हूँ, मैं ना ही मस्ताना हूँ, मैं…
सायली छंद

सायली छंद

सायली छंद भारतवासी मांगें हिसाब हर आँसू का आतंक खिलाफ जगत।   पामर पाकिस्तानी गीदड जा जा जा हिन्द देश शेर ।   कफन लपेट चले भारत के दीवाने हाहाकार…
व्यंग बाण

व्यंग बाण

व्यंग-बाण लड़ने वाले लड़ें भले ही हम नेता हैं हमको क्या? भारत पूरा जले भले ही हम नेता हैं हमको क्या? जाति-धर्म के अंगारों पर अपनी रोटी सिकती है ;…
सार छंद

सार छंद

सार छंद आतंकवाद का धर्म नहीं, हमने है ये माना, पहलगाम के हमले को है, सबने ही पहचाना। कट्टरवाद है इसमें हावी, जिसने ले ली जानें हाथ नहीं धर्मों का…
दादा जी

दादा जी

बाल कविता ।। दादा जी।। दादा जी का मोटा डंडा कर देता हम सबको ठंडा। हम छड़ी उसी को कहते हैं जब मार पड़े तो सहते हैं। ऐनक उनको सदा…
पहलगाम

पहलगाम

पहलगाम का जनसंहार कुछ भेज पाक ने हत्यारे लगता भारत को ललकारा। अब पहलगाम में उस कायर ने हिन्दू ही चुन-चुन मारा।   जो गये घूमने सैलानी परिवार सहित हंसते…
कविता

कविता

शर्मसार मानवता पहलगाम की शान्त वादियाँ, शर्मसार मानवता। भून दिया गोली से उनको, आतंकी कायरता।। चीखें गूँजी घाटी में फिर, खेल हुआ यह सारा । कौन कहाँ से आए थे…