Posted inInspiration Poem राजस्थानी भाव 💥राजस्थानी कविता💥 भरी दुपहरी ताॅंवडो़,अर बूळ्या री छाया। ठंडों पाणी मटकी रो,पीता तरपत काया।। भरी दुपहरी तूण चाली,बैठ्या गाॅंव री ढाणी। माटी री मटकी रो अमृत, ठंडो-ठंडो पाणी।। धौरां वाळो… Posted by UljhanSuljhan May 1, 2025
Posted inEducational Inspiration Poem चौपाई छंद जय मां शारदे चौपाई छंद ।।ग्रीष्म ऋतु।। गर्म हवा चलती है भारी धरा आग-सी जलती सारी। भाती है पेड़ों की छाया राम राम रटती है काया। सूख गया अब सरवर… Posted by UljhanSuljhan April 30, 2025
Posted inPoem चौपाई छंद चौपाई छंद ।।श्री राम।। राम नाम है सबसे न्यारा इस दुनिया का तारण हारा। राम बसे कण कण में मानो जन जन के घट में तुम जानो। दशरथ नंदन… Posted by UljhanSuljhan April 29, 2025
Posted inInspiration Poem सच्चा हितैषी हित संरक्षक कोई दीवाना कहता है, कोई मस्ताना कहता है। कोई परवाना कहता है, कोई पैमाना कहता है। मैं ना ही तो दीवाना हूँ, मैं ना ही मस्ताना हूँ, मैं… Posted by UljhanSuljhan April 28, 2025
Posted inPoem सायली छंद सायली छंद भारतवासी मांगें हिसाब हर आँसू का आतंक खिलाफ जगत। पामर पाकिस्तानी गीदड जा जा जा हिन्द देश शेर । कफन लपेट चले भारत के दीवाने हाहाकार… Posted by UljhanSuljhan April 27, 2025
Posted inEmpowerment Poem व्यंग बाण व्यंग-बाण लड़ने वाले लड़ें भले ही हम नेता हैं हमको क्या? भारत पूरा जले भले ही हम नेता हैं हमको क्या? जाति-धर्म के अंगारों पर अपनी रोटी सिकती है ;… Posted by UljhanSuljhan April 27, 2025
Posted inPoem Social सार छंद सार छंद आतंकवाद का धर्म नहीं, हमने है ये माना, पहलगाम के हमले को है, सबने ही पहचाना। कट्टरवाद है इसमें हावी, जिसने ले ली जानें हाथ नहीं धर्मों का… Posted by UljhanSuljhan April 26, 2025
Posted inPoem दादा जी बाल कविता ।। दादा जी।। दादा जी का मोटा डंडा कर देता हम सबको ठंडा। हम छड़ी उसी को कहते हैं जब मार पड़े तो सहते हैं। ऐनक उनको सदा… Posted by UljhanSuljhan April 26, 2025
Posted inLearning Poem पहलगाम पहलगाम का जनसंहार कुछ भेज पाक ने हत्यारे लगता भारत को ललकारा। अब पहलगाम में उस कायर ने हिन्दू ही चुन-चुन मारा। जो गये घूमने सैलानी परिवार सहित हंसते… Posted by UljhanSuljhan April 25, 2025
Posted inInspiration Poem कविता शर्मसार मानवता पहलगाम की शान्त वादियाँ, शर्मसार मानवता। भून दिया गोली से उनको, आतंकी कायरता।। चीखें गूँजी घाटी में फिर, खेल हुआ यह सारा । कौन कहाँ से आए थे… Posted by UljhanSuljhan April 24, 2025