शठे शाठ्यं समाचरेत्

शठे शाठ्यं समाचरेत्

"शठे शाठ्यं समाचरेत्" पहलगाम में जिसने मारा भारत माँ के लालों को । उन साॅंपों से पहले कुचलो दूध पिलाने वालों को ।। कब तक नाम धर्म का लेकर मानवता…
पुस्तक लोकार्पण

पुस्तक लोकार्पण

20 अप्रैल, रविवार को मेरठ नगर के प्रतिष्ठित प्यारे लाल शर्मा स्मारक प्रांगण में एक गरिमामयी साहित्यिक आयोजन में, शहर के प्रसिद्ध कवि स्वर्गीय जय प्रकाश शर्मा 'जे. पी.' जी…
काव्य कुंज

काव्य कुंज

साप्ताहिक कार्यशाला मुक्तक हमारे देश के दुश्मन कभी जब वार करते हैं। मिटा देंगें अमन सारा यही वो धार करते हैं। निकालो ढूॅंढ कर उनको उन्ही के साथ मिलकर जो…
नमन मंच

नमन मंच

नमन मंच🙏🙏 दिनांक 22/04/2025 छंद- दोहा `पृथ्वी` पृथ्वी मेरी रहे सदा, पेडों से भरपूर। सब जन पेड लगाइए, बीमारी से दूर।।   पृथ्वी मेरी है भला, स्वर्ण, रजत की खान।…
श्री बाबूलाल नायक जी के दोहे

श्री बाबूलाल नायक जी के दोहे

💐दोहे💐 नित्य भलाई जो करे, कृपा रखे भगवान। उत्तम विचार सादगी, सहज मिले सम्मान।।१।।   शिक्षा से नाता रखे, करे सभी से प्रीत। छुआछूत की भावना, तजे बुराई रीत।।२।।  …
बम्बेरवाल जी की नई कविता

बम्बेरवाल जी की नई कविता

बाल कविता हम बालक है छोटे-छोटे काम हमारे मोटे मोटे। पढ़ने लिखने शाला जाते मिलकर सारे गाना गाते। सुबह सुबह जब सूरज आता सबके मन को है हर्षाता। दिन का…
आज की जीवन शैली का तथ्य

आज की जीवन शैली का तथ्य

आज की जीवन शैली का तथ्य अच्छी थी पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो जाम बहुत है। फुर्र हो गयी फुरसत सबकी, हर व्यक्ति को काम बहुत है। नहीं चाहिए बाग-बगीचे,…
राजस्थानी भाव

राजस्थानी भाव

💐राजस्थानी मायड़ भाषा गीत💐 💥आछी बरसी रै दोफेरयाॅं भारी लाई💥   🌺आछी बरसी रै दोफेरयाॅं भारी लाई। सड़कां री डामर बहबा लागी।।टेर।। सड़कां री डामर बहबा लागी रै, या ताती-ताती-२…
ग़ज़ल

ग़ज़ल

ग़ज़ल   सबसे रखना यारी सीखो कुछ तो जिम्मेदारी सीखो।   हाथ बटा कर घर में भी तुम लाना अब तरकारी सीखो।   इधर उधर की बातें छोड़ो काम यहां…
शब्दों की सरगम

शब्दों की सरगम

प्रस्तुत कविता की पंक्तियाँ एक संवेदनशील आत्मा की अंतर्यात्रा को शब्द देती हैं। यह रचना एक ऐसे कवि की भावनात्मक अभिव्यक्ति है, जो शब्दों के माध्यम से अपने भीतर उठते…