वीर अमर सिंह

वीर अमर सिंह

वीर अमर सिंह    हल्दी घाटी का युद्ध, शेर की गर्जन। दुश्मन भयभीत प्रयाण, कंप अंतर्मन ।। अवरुद्ध वचन थे यवन, अश्व ना वश में । ज्यों शुष्क हुआ था…
💥चंग री धमाल💥

💥चंग री धमाल💥

💥चंग री धमाल💥 प्रीतम आजा रे मंगरा-मंगरा पर बाट निहारूं रे। प्रीतम आजा रे ••• •••• ••••••••। ऐ परभात्या चिडकोल्या बोले,मनडो लेय हिलोरा रे-2 काम-धाम की सुध-बुध खोई,बाट निहारूं रे।…
निडर

निडर

।।निडर।। हम डर से कभी ना डरते, जीवन में डर से कभी ना मरते।। ज़िन्दगी अपनी मर्जी से जीते, तो कौन है जो हमें डरायेगा। माँ-बाप, भाई-बहनों को अपना माना,…
महासमर

महासमर

भूमिका इस कविता में आधुनिक मानव के मानसिक द्वंद्व की अवस्था का चित्रण किया गया है। इसमें लोभ, त्रास, और स्वार्थ के विरुद्ध धर्म के सात्विक युद्ध को प्रस्तुत किया…
सार और रोला छंद

सार और रोला छंद

सार छंद धरती पर भगवान, चिकित्सक ही कहलाते। सेवा कर दिन रात, रोग को दूर भगाते। देकर सही इलाज, प्राण वे रोज बचाते। रखना जो परहेज, दवा देकर बतलाते। नर…
मैं मीठे गीत लिखूॅं कैसे?

मैं मीठे गीत लिखूॅं कैसे?

मैं मीठे गीत लिखूँ कैसे? आस्तीन में साँप मिले, फूलों में काँटे मिलते हैं। गंगा जल बहता नाली में, कीचड़ में पंकज खिलते हैं। शत्रु भाव से भरे हुए जो,…
एक बरस फिर बीत गया

एक बरस फिर बीत गया

😒 एक बरस फिर बीत गया है ...   आवक जावक भागदौड़ में। सच्ची झूठी होड़ होड़ में।। हुआ यंत्रवत जीवन सारा, जीवन पथ के विकट मोड़ में।। भरा कलश…
बसंत पंचमी

बसंत पंचमी

माँ शारदे को नमन🙏🙏 बसन्त पंचमी आज जन्मदिन आपका, कमलासनी माता। चरणों में वंदन करूं, गाऊँ तेरा जगराता।। 🌹🌹🌹🌹🌹 झोली खाली है मेरी, नाही कुछ उपहार। चंदन रोली तिलक है,…
मां सरस्वती

मां सरस्वती

।।बसंत पंचमी पर्व के उपलक्ष में।। ।। माँ सरस्वती।। हे! माँ सरस्वती, भगवती, नारायणी। हे! माँ शारदे, वर दे, वीणा वादिनी।। हे! माँ तुम वीणा की ऐसी तान सुनाओ। मेरे…
शहीद दिवस के लिए रचा गया काव्य

शहीद दिवस के लिए रचा गया काव्य

शहीद दिवस पर माहिया छंद (माहिया छंद, मात्रिक छंद होता है। इसमें तीन पंक्तियां होती हैं। इसके पहले और तीसरे चरण में बारह बारह मात्राएं होती हैं और दूसरे चरण…