Posted inInspiration Poem एकता दोहावली 🇮🇳🌺एकता दोहावली 🌺 🇮🇳 हिन्दू-मुस्लिम एकता, स्वतंत्रता पहचान। भारत की रक्षा करी, देकर अपनी जान।।१।। जन-जन में सद्भावना, भाईचारा मान। इक दूजे के पर्व को, देय सभी सम्मान।।२।।… Posted by UljhanSuljhan March 16, 2025
Posted inInspiration Poem मुकेश कुमावत ‘मंगल’ की रचनाएं मुक्तक सरकारी की दुनिया में, निजी का मान घट जाता है, राजा की गलती पर वाहवाही, तो नौकर पिट जाता है, ईमानदारी से दो वक्त की रोटी कमाने वाला व्यक्ति,… Posted by UljhanSuljhan March 16, 2025
Posted inInspiration Poem कविता ‘लाल्ली’ लाल्ली 'लाल्ली' का सम्बोधन ऐसा लाड़ टपकता दिखता है। बेटी बहना हर लड़की से यह पावनतम रिश्ता है।। छोटी बहना को जब भैया खुश होकर 'लाल्ली' कहता। तब अनुजा… Posted by UljhanSuljhan March 15, 2025
Posted inEducational Poem एकता को होली के रंग बताएं रे! दुनिया में कैसे एकता हो, होली के रँग बतायें रे। अलग अलग रँग मिलकर अद्भुत छटा दिखायें रे।। दुनिया में कैसे एकता हो, होली के रँग बतायें रे।। अपनी बुरी… Posted by UljhanSuljhan March 14, 2025
Posted inInspiration Poem होली पर विशेष 'निराली होली' रास रचाऊं तुम्हरे संग जब रंग जमेगा होली में, तन मन जायेगा रंग फिर धूम मचेगी होली में। सब बैर भाव को भूल, हृदय के तार मिला… Posted by UljhanSuljhan March 13, 2025
Posted inLearning Poem पोर्टल प्रशस्ति मुक्तक एक 'उलझन सुलझन' पोर्टल पर देख रहे हम जीवन के सब रंग, जिनसे हम जीवन भर होली खेले अपने सब रिश्तों के संग। 'उलझन सुलझन' की कला गुणता बनाती… Posted by UljhanSuljhan March 13, 2025
Posted inInspiration Poem नई कविता श्री केदार शर्मा की कुंडलियां छंद में हाइटेक है होली ढोल मजीरे खो गए, फक़त रह गया फाग। कहाँ गई अब टोलियाँ, समय रहा है भाग। समय रहा है भाग, हाईटेक है होली। नेटवर्क… Posted by UljhanSuljhan March 12, 2025
Posted inInspiration Poem महिला दिवस पर विशेष त्याग प्रतिरूप नारी ममता स्वरूप नारी भाव बहुरूप नारी नारी ही संसार है । गीत में है राग नारी फूल में पराग नारी स्नेह अनुराग नारी नारी ही शृंगार है।… Posted by UljhanSuljhan March 8, 2025
Posted inInspiration Poem मुक्तक – श्योराज जी मुक्तक एक मुझे सहयोग जो तेरा मिला उपकार तेरा है बहुत बढ़िया लगा है ये मुझे व्यवहार तेरा है। नज़र भर देखकर तुझको वहीं पहचान कर ली थी बना मुझको… Posted by UljhanSuljhan March 8, 2025
Posted inInspiration Poem पन्ना धाय वो महिला बड़ी बलिदानी थी बचपन में सुनी कहानी थी। ममता से पहले था, 'राष्ट्र प्रेम' माँ पन्ना धाय की कहानी थी। न सीस झुकाना सीखा था, न शिकवे की… Posted by UljhanSuljhan March 8, 2025